णमोकार तीर्थ QA

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उत्तर संख्या : 1 नमोकार एक महामंत्र है |

उत्तर संख्या : 2 • गुण और पर्यायों के समूह को द्रव्य कहते हैं। • द्रव्य का लक्षण सत है। • जो अपनी-अपनी पर्यायों के द्वारा प्राप्त होते हैं उसे द्रव्य कहते हैं।

उत्तर संख्या : 3 द्रव्य के छह भेद हैं। १. जीव २. पुद्गल ३. धर्म ४. अधर्म ५. आकाश ६. काल द्रब्य ये द्रव्य के छह भेद हैं।

उत्तर संख्या : 4 छह द्रब्यों में से जीव में ज्ञान-दर्शन पाया जाने से जीव चेतन है किन्तु पुद्गल, धर्म, अधर्म, आकाश और काल इनमें ज्ञान दर्शन नहीं पाया जाने से ये पाचों द्रव्य अचेतन हैं। नोट- जीव द्रव्य का कथन जीव विज्ञान भाग २ में किया है।

उत्तर संख्या : 5 •जिसमें गलन और पूरण होता है उसे पुद्‌गल कहते हैं। • जिसमें परमाणु मिलते और बिछुडते हैं उसे पुद्राल कहते हैं। • जिसमें स्पर्श, रस, गन्ध और वर्ण पाया जाता है उसे पुद्गल कहते हैं। • रुपी अर्थात मूर्तिक द्रव्य को पुद्गल कहते है। • जिसका बनना और मिटना स्वभाव है उसे पुद्गल कहते हैं।

उत्तर संख्या : 6 • जिसमें गलन और पूरण होता है उसे पुद्‌गल कहते हैं। • जिसमें परमाणु मिलते और बिछुडते हैं उसे पुद्राल कहते हैं। • जिसमें स्पर्श, रस, गन्ध और वर्ण पाया जाता है उसे पुद्गल कहते हैं। • रुपी अर्थात मूर्तिक द्रव्य को पुद्गल कहते है। • जिसका बनना और मिटना स्वभाव है उसे पुद्गल कहते हैं।

उत्तर संख्या : 7 पुद्गल द्रब्य के दो भेद हैं १. अणु २. स्कन्ध

उत्तर संख्या : 8 पुद्गल का ऐसा अन्तिम हिस्सा जिसका पुनःदूसरा टुकड़ा न हो सके उसे अणु कहते हैं । जो अत्यन्त तीक्ष्ण शस्त्र से भी छेदा भेदा नहीं जा सकता तहा जल और अग्नि के द्वारा नाश को प्राप्त नहीं होता वह परमाणु है।

उत्तर संख्या : 9 एक पुद्गल परमाणु में एक रस, एक गन्ध और एक वर्ण है। और उसमें शीत उष्ण में से कोई एक एवं स्निग्ध और रुक्ष में से कोई एक ऐसे अविरोधि पाच गुण पाये जाते हैं।

उत्तर संख्या : 10 परमाणु का एक ही प्रदेश होता है।

उत्तर संख्या : 11 परमाणु का एक ही प्रदेश होने से एवं पुनः उसका टुकड़ा न होने से उसे अप्रदेशी कहते हैं ।

उत्तर संख्या : 12 परमाणु अत्यन्त सूक्ष्म होने से हम उन्हें इन्द्रियों से नहीं जान सकते हैं।

उत्तर संख्या : 13 वे मूर्तिक हैं।

उत्तर संख्या : 14 अनेक परमाणु मिलकर जो स्कन्ध बनते हैं उन्हें हम देख सकते, छू सकते, सूंघ सकते और चख भी सकते हैं. यदि परमाणुओं में रुपादि नहीं होते तो स्कन्ध में भी वे कहाँ से आते ? अतः परमाणु मूर्तिक है।

उत्तर संख्या : 15 अणु और परमाणु में कोई अन्तर नहीं है, दोनों ही पर्याय वाची नाम हैं।

उत्तर संख्या : 16 एक पुद्गल परमाणु आकाश के जितने हिस्से में रहता हैं उसे प्रदेश कहते हैं।

उत्तर संख्या : 17 दो या दो से अधिक परमाणुओं के समूह को स्कन्ध कहते हैं।

उत्तर संख्या : 18 जिन पुद्गलो को हम इन्द्रियों से जान सकते हैं वे सब स्कन्ध हैं।

उत्तर संख्या : 19 हम सभी स्कन्धों को चक्षु इन्द्रिय से नहीं जान सकते किन्तु स्थूल पर्ने को प्राप्त स्कन्धों को चक्षु से जान सकते हैं।

उत्तर संख्या : 20 लोक के सर्वद्वीप, चन्द्र, सूर्य, आदि महान पृथिवियां मिलकर एक महास्कन्ध होता हैं। सम्पूर्ण लोकाकाश मिलकर एक महास्कन्ध होता है।

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