उत्तर संख्या :
381 किरमी के रंग के समान लोभ मिथ्यादृष्टि बहिरात्मा को होता है।
उत्तर संख्या :
382 किरमी के रंग के समान लोभ अनंत काल तक रहता है।
उत्तर संख्या :
383 किरमी के रंग के समान लोभ को अनंतानुबंधी लोभ कहते है?
उत्तर संख्या :
384 अनंतानुबंधी लोभ छह महिने से लेकर अनंतकाल तक रहता है।
उत्तर संख्या :
385 अनंतानुबंधी लोभ अपने और दूसरे की वस्तुओं पर तीव्र लालच रखने पर होता है। शरीर आदि पर वस्तुओं को अपना मानने पर होता है। बहुत दिनों तक की इच्छ रखके किसी वस्तु को संग्रह करने से होता है।
उत्तर संख्या :
386 अनंतानुबंधी लोभ श्मश्रूनवनीत नाम के व्यक्ति ने किया था।
उत्तर संख्या :
387 अनंतानुबंधी लोभ करने से परवस्तुओं में ममत्व भाव जागृत होता है।
परिवार में फूट होती है।
लोभ के कारण एक दुसरे को मारने के भाव होते है।
पापों में प्रवृत्ति एवं कर्मो का बंध होता है।
आत्मा का पतन एवं दुर्गति की प्राप्ति होती है।
उत्तर संख्या :
388 अनंतानुबंधी लोभ करने से जीव नरक गति में जाता है।
उत्तर संख्या :
389 अनंतानुबंधी लोभ करने वाले जीव चारों गतियों में पाये जाने पर भी मुख्य रुप से नरक गति में पाये जाते हैं।
उत्तर संख्या :
390 जैसे काजल का रंग गाढा होने से जल्दी नही छूटता उसी प्रकार जिस लोभ के कारण जीव के परिणाम
परवस्तु के ममत्व से जल्दी न हटे उसे काजल के समान लोभ कहते है।
उत्तर संख्या :
391 काजल के समान लोभ अविरत सम्यग्दृष्टि गृहस्थ को होता है।
उत्तर संख्या :
392 काजल के समान लोभ छह महिने तक रहता है ?
उत्तर संख्या :
393 काजल के समान लोभ को अप्रत्याख्यान लोभ कहते है।
उत्तर संख्या :
394 अप्रत्याख्यान लोभ पंद्रह दिन से लकर छह महीने तक रहता है।
उत्तर संख्या :
395 अप्रत्याख्यान लोभ किसी वस्तु में ममत्व भाव रखने से होता है। स्त्री पुत्र और परिवार जानो के ममत्व भाव रखने से होता है। राज्य अदि को अपना मानने से होता है।
उत्तर संख्या :
396 अप्रत्याख्यान लोभ करने से सम्यक्त्व मलिन होता है। परस्पर में कलह और मनमुटाव होने लगता है।
हिंसा, झूठ आदि पाप होने लगते है । आत्मा का पतन और कर्मों का बंध होता है ।
उत्तर संख्या :
397 अप्रत्याख्यान लोभ करनेसे जीव तिर्यंच गति में जाता है।
उत्तर संख्या :
398 अप्रत्याख्यान लोभ वाले जीव चारों गति में पाये जाने पर भी मुख्य रुप से तिर्यंच गति में पायें जाते है ।
उत्तर संख्या :
399 जैसे कीचड का रंग लग जाने पर कुछ उपायों से दूर हो जाता है उसी प्रकार से जिस लोभ में जीव के
परिणाम, परवस्तु के ममत्व के परिणाम जल्दी हट जाते है उसे कीचड के समान लोभ कहते है।
उत्तर संख्या :
400 कीचड़ के समान लोभ पंद्रह दिन तक रहता है।