उत्तर संख्या :
470 १. जो आत्मा के पद और गुणों में ज्येष्ठ अर्थात सबसे बड़े होते हैं, उन्हें परमेष्ठी कहते हैं।
२. जो उत्कृष्ठ पद में विराजमान होते हैं, उन्हें परमेष्ठी कहते हैं।
३. जिनको पूजने से पुण्य की प्राप्ति होती है उन्हें परमेष्ठी कहते हैं।
४. जिन्हें इन्द्र, नरेन्द्र, खगेन्द्र, धरणेन्द्र, दानवेन्द्र राजा-महाराजा, नेता, सेठ- साहूकार आदि सभी नमस्कार करते हैं, उन्हें परमेष्ठी कहते हैं।