उत्तर संख्या :
621 अभी अन्तिम २४ वें तीर्थंकर महावीर स्वामी का तीर्थंकर चल रहा है।
उत्तर संख्या :
622 १६ तीर्थकर के चिन्ह पंचेन्द्रिय जीव है
१,२,३,४,५,९,११,१२,१३,१४,१६,१७,१८,२०,२३,२४ इन तीर्थकर के चिन्ह पंचेन्द्रिय जीव है।
उत्तर संख्या :
623 तीर्थकर के गर्भ में आने के ६ महिने पहले से ही रत्नों की वृष्टि व नगर की
सुसज्जादि आदि होने लगती है, इससे जान जाता है कि तीर्थकर का जन्म होने वाला है।
उत्तर संख्या :
624 तीर्थकर के गर्भ में आने के समय एकबार में साढ़े तीन करोड़ रत्नों की वर्षा होती है। इस तरह एक दिन में चार बार वर्षा होती है।
उत्तर संख्या :
625 तीर्थकर के गर्भ में आने के ६ महिने पहिले से
प्रारम्भ होकर तीर्थकर के जन्म
होने तक अर्थात १५ महिने तक रत्नों की वर्षा होती है।
उत्तर संख्या :
626 तीर्थकर के शरीर का रुधिर दूध के समान सफेद होता है।
उत्तर संख्या :
627 तीर्थकर को संसार के सभी प्राणियों से प्रेम एवं वात्सल्य होता हैं। इसलिये उनके शरीर का रुधिर दूध के समान सफेद होता है।
उत्तर संख्या :
628 तीर्थकर की भोजन सामग्री एवं पहनने के वस्त्र स्वर्ग से आते हैं।
उत्तर संख्या :
629 भारत क्षेत्र के तीर्थकर हमेशा चौथे काल में जन्म लेते हैं।
उत्तर संख्या :
630 जिस प्रकार गेहूँ आदि फसल के लिये उपजाऊ भूमि, योग्य जलवायु व योग्य समय चाहिये, उसी प्रकार तीर्थकर के जन्मके लिये योग्य जलवायु और समय अर्थात् काल एवं उपजाऊ अर्थात् भरत क्षेत्र (भारत) ही चाहिये। प्रकृति का नियम ही ऐसा हैं जिससे तीर्थकर भारत में ही एवं चौथे काल में ही जन्म लेते हैं।
उत्तर संख्या :
631 तीर्थकर क्षत्रिय राजाओं के यहाँ जन्म लेते हैं।
उत्तर संख्या :
632 तीर्थकर क्षत्रिय राजाओं के यहाँ जन्म लेते हैं।
उत्तर संख्या :
633 क्षत्रिय वीरता के लिये प्रसिध्द है। क्षत्रिय वीर होने से कर्म और धर्म दोनों ही कर सकते है। वीर पुरुष ही पुरुषार्थ करके तीर्थंकर बनते हैं इसीलिये तीर्थकर का जन्म क्षत्रिय कुल में ही होता है।
उत्तर संख्या :
634 तीर्थकर बनने वाले जीवों का पुण्य उत्कृष्ट होने से उनका जन्म समृध्दिशाली राजाओं के यहाँ ही होता है।
उत्तर संख्या :
635 तीर्थकर की माता की सेवा में ५६ कुमारियों (देवियां) आती है।
उत्तर संख्या :
636 तीर्थकर की माता को १६ स्वप्न आते हैं।
उत्तर संख्या :
637 जिस रात्रि में तीर्थकर माता के गर्भ में आते हैं उस रात्रि के पिछले प्रहर में माता
को १६ स्वप्न आते है।
उत्तर संख्या :
638 १. हाथी
२. दो बैल
३. सिह ४. लक्ष्मी
५. दो मालायें
६. चंद्र ७. सूर्य
८. दो मछली सरोवर ९.भरा हुआ कलश १०. पानी से भरा ११. समुद्र
१२. सिंहासन १३. देव विमान १४. धरणेन्द्र का भवन १५. निघून अग्नि १६. रत्नों की राशी ये सोलह स्वप्न तीर्थकर की माता देखती है।
उत्तर संख्या :
639 हाँ प्रत्येक तीर्थकर की माता को १६ स्वप्न आते हैं।
उत्तर संख्या :
640 तीर्थकर के जन्माभिषेक के समय स्वर्ग से बालक नाम का ऐरावत हाथी आता है।